H3N2 Flu Death: H3N2 Influenza Death: स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या कहा?

 H3N2: स्टार्टर का कहना है कि भारत में पिछले दो-तीन महीने से बुखार के साथ लगातार खांसी के मामले बढ़ने के मामले में H3N2 के खतरे के कारण सामने आ रहे हैं। 

H3N2 अज्ञात (छवि स्रोत: GETTY)

NEXTPREV H3N2 इन्फ्लुएंजा मौत: 32 (H3N2)। शुक्रवार को इस वायरस से मौत की पुष्टि हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, दो लोगों की जान गई है। कर्नाटक और हरियाणा में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। (एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम) एक ऐसा कार्यक्रम है जो बीमा और उनकी प्रगति को ट्रैक करता है। 

मंत्रालय ने कहा, ''मौसमी इंफ्लुएंजा के मामले में मार्च के अंत तक घटने की उम्मीद है। छोटा बच्चा, पहले से अन्य जेहाम से पीड़ित वृद्ध लोगों से संबंध अधिक खतरा बना रहा है।''

स्वास्थ्य मंत्री की बैठक

इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बैठक की। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, ''राज्यों को अलर्ट रहने और स्थिति की गुप्त रूप से निगरानी करने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है, केंद्र सरकार स्थिति से निपटने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है और सभी स्वास्थ्य उपायों के लिए तैयार है।

कब आया पहला मामला ?

H3N2 से मौत का पहला मामला कर्नाटक के हासन जिले में आया। राज्य में इस संक्रमण से मौत का यह पहला मामला था। हासन के जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि एक मार्च को 82-चक्र हिरे गौड़ा की 'एच3एन2' से मौत हो गई। गौड़ा (82) की एक मार्च को एच3एन2 वायरस से मौत हो गई।

स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि गौड़ा को छोड़ दिया गया था और उच्च रक्तचाप की समस्या भी बनी हुई थी। उन्हें 24 फरवरी को अस्पताल में भर्ती की जांच की गई और एक मार्च को उनकी मौत हो गई। परीक्षण के लिए भेजे गए अक्षरों की पुष्टि हुई कि वह 'H3N2' से पहचान रहे थे। 

हरियाणा में H3N2 वायरस से जान मारने वाला 56 साल का शख्स हुआ था सैमसंग का कैंसर। उनमें से H3N2 की पहचान इसी साल जनवरी में हुई थी। हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वो जींद जिले में रहते थे। 

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने कुछ दिन पहले ही 'H3N2' के आगे के मामलों को लेकर अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। सुधाकर के अनुसार, केंद्र सरकार ने अपने दायरे में हर हफ्ते 25 परीक्षण करने और विभाग को उपस्वरूप पर नजर रखने को कहा है। 

मानकीकरण ने क्या कहा ?

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीसीआर) का कहना है कि भारत में पिछले दो-तीन महीने से बुखार के साथ लगातार खांसी के मामले बढ़ रहे हैं 'इंफ्लूएंजा ए' के ​​उपस्वरूप 'एच3एन2' के कारण सामने आ रहे हैं


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